Tag: indian poetry
चौधवीं का चाँद
आसमान के काले पर्दे पर मैंने तेरे लिए चौधवीं का चाँद उभारा है, उसकी रोशनी न मद्धम पड़े इसलिए सभी सितारों को ज़मीन पर उतारा है।
आसमान के काले पर्दे पर मैंने तेरे लिए चौधवीं का चाँद उभारा है, उसकी रोशनी न मद्धम पड़े इसलिए सभी सितारों को ज़मीन पर उतारा है।