Star Wars: Episode III – Revenge of the Sith
It’s a good film. Liked everything except the dialogues. Rating: 3 out of 5.
It’s a good film. Liked everything except the dialogues. Rating: 3 out of 5.
कुछ लव्ज़ किताबों की कटोरी में डाल रखे हैं, कुछ पेश होने हैं, कुछ अर्ज़ करके चखे हैं, कुछ लबों की मुँडेरों पे कोनियाँ टेक के लटके हैं, कुछ आँखों से बयान हैं तो कुछ ज़बान में दुबके हैं, पर बात जनाब तो करनी ही है तो कहने से क्यों …
अंजान इस खेल में, तुझसे हथेलियों के मेल में, मैंने अपनी ज़िंदगी की राह मोड़ ली, जब तेरी किस्मत की रेखा से, मैंने अपनी तक़दीर की लकीर जोड़ ली।
तेरे नैनों की सीप के तले, मुझे सपनों के मोती मिले, कुछ ग़मगीन थे, कुछ खुशहाल भी, कुछ बेरंग तो कुछ रंगों से भरे।
आसमान के काले पर्दे पर मैंने तेरे लिए चौधवीं का चाँद उभारा है, उसकी रोशनी न मद्धम पड़े इसलिए सभी सितारों को ज़मीन पर उतारा है।
गीली मिट्टी से सने हाथों की रौनक, खिली रोशनी से भरीं किरणों की ठंडक, चुप-चाप-सी बहती फिज़ा के पैरों की आहट, नादान-से मासूम नैनों के सपनों की रंगत, कितनी खूबसूरत तूने ये दुनिया बनाई है, के हर ज़र्रे से, है मिलती ख़ुदाई है।
काली रात के कपड़े तले, मैंने सुबह तक तेरे लिए, आसमान पे बादलों की खटाई जमाई है, हवाओं के बर्तन में परोस के फिर तुझे भिजवाई है।
तेरे आँखों के काले सूरज, सफेद आसमानों में उभर कर, जमे आसुओं की रेत पे कजरारे पावों से चल कर, पलकों की पगडंडियों से बने मेरे सपनों के आँगनों में, अपने नूर की रोशनी बिखेरे हैं, जो तेरे नैना गिरें तो होती रातें हैं, जो उठें तो फिर खिलती सवेरें …
हर लम्हा यहाँ महकशी का आलम, हर पल महकशी का मौसम ही है, जिसकी वजह से ये जाम है, वो हमारे जानम ही हैं।
बहती हवाओं को चुटकियों से बांधा है, नीली-नीली रस्सियों पे सूरज को टांगा है, आसमान की चादर पे फीके तारे बिखेरे हैं, अंगूरी कुछ धागे पिरोहे, कुछ संतरी उधेड़े हैं।
तेरे दीदार को तरसे ये आँखें, ख़ुदा ना ऐसी हालत करे, बल्कि तू इन आँखों में समा जाए, ख़ुदा हम पे इतनी खिदमत करे।
रोज़-दर-रोज़ हवा में बिछीं इन ओस की बूंदों से ये ही फसाना बयान होता है, इस ही वजह से हर परवाना क्षमा पर कुर्बान होता है, के तुम जियो मुद्दतों तक, जियो जब तक ये ज़मीन, ये आसमान होता है, गर कयामत भी आए तो समा थाम लेंगे क्योंकि तुमसे …
लोग तो पीते हैं जाम शराब के, ग़म भुलाने के लिए पीना, होते हैं तरीके कुछ जनाब के, खुशगवार मौकों पर पीते हैं जो वो रखते हैं शौक़ नवाब के, पर हम तो उन्में से हैं जो आँसू पी कर नशा करते हैं, के ख़ुदा भी गवाह रहे, के कोई …
तुम्हारी पलकों पे हमने अपनी नींदों को रखा है, हमारे दिल की हर धड़कन तुम्हारी सदा है, तुम्हारे बिन जीना हमारे लिए सज़ा है, ये दिल तुम पे, सिर्फ तुम पे फिदा है।
ये इश्क़ ही ज़िंदगी, ये इश्क़ ही इमान होता है, वो ही इश्क़, इश्क़ कहलता है जिसमें आशिक बदनाम होता है।
यूँ रोज़ तुझे याद करता, यूँ रोज़ भूल जाता हूँ, रात के तारों से तेरा चेहरा बनाके, सुबह के बादलों से मिटाता हूँ।
सिले पल्कों के धागों को उधेड़ के आँखों से कई सपने बाहर निकल गए, जो थक गए वो रास्ते में ही थम गए, और जो बढ़ते रहे वो हक़ीकत में बदल गए।
रास्ते के नुमाइंदों को बता देना जनाब, हम गिर पड़े हैं हमें उठा लेना जनाब, हम चलते चलते थक गए थे ऐ साथी, हम मंज़िल ना पा पाए, फट गए जूते, घिस गयी जुराब, मंज़िलों को चाहिए जाने कैसा शबाब, हमें ना पता थे उन सवालों के जवाब, हम गिरे …
For me, travel has got more of a mysterious and mystical ring to it. As you visit different places, observe different cultures and meet different people, you realize that all of us are more alike than unalike. Please allow me to borrow from personal experiences here: I have been to …
If only Mr. Bhansali replaced the third syllable of his movie’s name with the letter ‘N’, there would have been no drama. Padma – vat (attacks by Karni Sena) replaced by Padma – n (Akshay gets Padma-bhushan). #Freecountry #Nottrue
1. Hum Uparwale ke Bande hein, Bahut Din se padhe Thande hein, Chalo, Uttho, Jeeyo doston, Bahut maar liye Humnein Funde hein, Jim Corbett ki Vaadiyon mein, Vaahan ke Khule Aasman Ke Neeche, Sau Saal se Puraane Paidhon pe, Pant kholkar Mootenge, Suna hai vaha ki hawayon ke Jhonke bahut …
There have been serious discussions (almost leading to nerds hitting each other) about the titles of the Rambo films: First film was named First Blood. Second, Rambo: First Blood, Part II. Third, Rambo III. Fourth, Rambo IV or John Rambo. The problem is with the naming of the third film, …