राह 0 अंजान इस खेल में, तुझसे हथेलियों के मेल में, मैंने अपनी ज़िंदगी की राह मोड़ ली, जब तेरी किस्मत की रेखा से, मैंने अपनी तक़दीर की लकीर जोड़ ली। July 9, 2018, 6:58 pm July 9, 2018 शेर-शायरी good / good hindi kavi / good poetry / good shayari / good sher / hindi / indian author / kavita / poems / poetry / shayari / sher / urdu
सीप 0 तेरे नैनों की सीप के तले, मुझे सपनों के मोती मिले, कुछ ग़मगीन थे, कुछ खुशहाल भी, कुछ बेरंग तो कुछ रंगों से भरे। July 9, 2018, 6:54 pm July 9, 2018 शेर-शायरी good / hindi / hindi urdu / kavita / poetry / shayari / sher / urdu